बरखांजलि

बरखांजलि

गुरुवार, 18 मार्च 2010

एहसास

छोटी सी उम्र में कई रंग दिखाये जिंदगी ने
बहुत हंसा के आंसू पिलाये जिंदगी ने
मैं जब समझा कि सफर खत्म होने वाला है
अन्धेरों में कई बार रास्ता दिखाये जिन्दगी ने...।

मुझको लगता है ये दूनिया कोई जादू है
हर रोज नये एहसास कराये जिन्दगी ने
जिसको पाने की उम्मीद भी हम खो चुके थे
ऐसे भी कई दोस्त मिलाये जिन्दगी ने.....।

मेरे अपने भी जब छोड़ दिये दामन मेरा
आगे बढ़ने को हौसले दिखाये जिन्दगी ने
मुझको लगा जब मिल जाये किनारा अब से
दिल में जीने के कई ख्वाब जगाये जिंदगी ने...।

कुंवर चंद्र प्रताप सिंह

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