बरखांजलि

बरखांजलि

रविवार, 7 मार्च 2010

पहली लेखनी

गुजरे जमाने की हरेक वो बात जिसे कहना चाहता हूं शिद्दत के साथ, हर गम हर खुशी, हर भावना और शायद संवेदनाओं को भी शब्द देना चाहता हूं......

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